UP ELECTION : गोरखपुर से चुनाव लडेंगे योगी, 1989 के बाद सिर्फ दो लोग चुनाव जीत बने हैं CM, जानिए चाणक्य चाल है या खतरा

UP ELECTION 2022 : उत्तर प्रदेश में चुनावी रणभेरी अब बज चुकी है। सभी राजनीतिक दल अपने अपने उम्मीदवारों की सूची अब जारी करने लगे हैं। इसी बीच आज सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी ने अपने पहले लिस्ट में 107 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में पहले चरण के 57, दूसरे चरण के 48 तथा पाँचवे-छठे चरण के 1-1 उम्मीदवार की सूची है। छठे चरण के एकमात्र उम्मीदवार के रूप नाम सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है जो कि गोरखपुर (शहर) से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए है।

1989 के बाद अब तक दो लोग चुनाव जीत बने है CM -

बताते चले कि उत्तर प्रदेश में 1989 के बाद यह प्रथा बन गयी थी कि मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बिना विधानसभा चुनाव लड़े ही मुख्यमंत्री बन जाते थे और इसे परिपाटी बनाने का कार्य बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया था। लेकिन 1989 के बाद यह क्रम तब टूटा जब 2000 में राजनाथ सिंह बाराबंकी से उपचुनाव लड़कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 2002 में तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने गन्नौर सीट से विधानसभा चुनाव लड़कर चुनाव जीता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2002 के बाद कोई मुख्यमंत्री चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री नही बना है। सभी विधान परिषद यानी MLC बनकर सदन पहुंचे हैं।

चाणक्य चाल है या योगी के लिए खतरा -

हालाँकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में देखा जाए तो 1989 के बाद 2000 व 2002 के अलावा जब भी कोई मुख्यमंत्री बना है तो वह चुनाव न लड़कर सीधे MLC के दरवाजे से आया है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के इस फैसले को कई लोग चाणक्य चाल तो कई लोग इसे सियासी साजिश बता रहे है। खुद अखिलेश यादव लिखते है कि "भाजपा ने योगी को घर का टिकट दिखा दिया है" लेकिन वही दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि क्या उत्तर प्रदेश के अन्य दिग्गज अखिलेश यादव, मायावती व प्रियंका गांधी भी चुनावी मैदान में आएँगे। कही न कही योगी की यह नीति चुनावी मौसम में यह सवाल करते हुए भी जरूर नजर आएगी कि आपके नेता तो चुनाव ही नही लड़ रहे। अखिलेश यादव जी भी इस सवाल पर कह रहे है कि पार्टी अगर चुनाव लडाती है तो वह जरूर लड़ेंगे। दूसरी तरफ सतीश मिश्र ने यह स्पष्ट किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव नही लड़ेंगी। प्रियंका गाँधी के चुनाव पर कोई स्पष्टता नही है।

खैर गोरखपुर शहर जहाँ से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे है उनके लिए यह राजनीतिक दृष्टिकोण से सुरक्षित सीट माना जा रहा है। गोरक्ष धाम भी इसी परिक्षेत्र का हिस्सा है। इससे पूर्व योगी आदित्यनाथ वहाँ के  सांसद रह चुके है।

योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के इस फैसले को आप किस रूप में देख रहे, अपने राय जरूर लिखें।

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